June 17, 2025
Vananchal 24TV Live – वनांचल 24TV लाइव
News saraikela-news-Saraikela News : Chandil dam displaced fishermen self-supporting cooperative society bows to Bapu .... कोल्हान झारखण्ड पर्यटन/मनोरंजन/धार्मिक राजनीति सरायकेला-खरसावाँ सुर्खियां

Saraikela News : चांडिल बांध विस्थापित मत्स्यजीवी स्वावलंबी सहकारी समिति ने बापू को किया नमन …. | Vananchal 24TV Live

Saraikela News : चांडिल बांध विस्थापित मत्स्यजीवी स्वावलंबी सहकारी समिति ने बापू को किया नमन …. | Vananchal 24TV Live
Spread the love

चांडिल बांध विस्थापित मत्स्यजीवी स्वावलंबी सहकारी समिति ने बापू को किया नमन…

 

चांडिल (कल्याण पात्रा)  : चांडिल डैम नौका विहार में चांडिल बांध विस्थापित मत्स्यजीवी स्वावलंबी सहकारी समिति ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को जन्मदिवस के अवसर पर किया नमन। इस अवसर पर समिति के पदाधिकारी व सदस्यों ने गांधी जी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित की। मौके पर समिति के सचिव श्यामल मार्डी ने कहा कि भारतीय स्वाधीनता संग्राम में महात्मा गांधी के अहिंसात्मक आंदोलन इतिहास के पन्नों पर स्वर्ण अक्षरों से अंकित है और जब तक सूरज चांद रहेगा इस संसार में गांधी जी का नाम रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत के महान स्वाधीनता संग्रामी सुभाष चन्द्र बोस ने 6 जुलाई 1944 को रंगून रेडियो से गांधी जी के नाम जारी प्रसारण में उन्हें राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित करते हुए आज़ाद हिन्द फौज के सैनिकों के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनाएँ माँगीं थीं। तब से पूरे देश उन्हें राष्ट्रपिता के नाम से भी संबोधन करने लगे। उन्होंने कहा कि भारत को आजादी दिलाने के लिए गांधी जी के त्याग और तपस्या को भूलाया नहीं जा सकता है। सबसे पहले गान्धी जी ने प्रवासी वकील के रूप में दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के लोगों के नागरिक अधिकारों के लिये संघर्ष हेतु सत्याग्रह करना आरम्भ किया। 1915 में उनकी भारत वापसी हुई। उसके बाद उन्होंने यहाँ के किसानों, श्रमिकों और नगरीय श्रमिकों को अत्यधिक भूमि कर और भेदभाव के विरुद्ध आवाज उठाने के लिये एकजुट किया। मार्डी ने कहा कि 1921 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने देशभर में दरिद्रता से मुक्ति दिलाने, महिलाओं के अधिकारों का विस्तार, धार्मिक एवं जातीय एकता का निर्माण व आत्मनिर्भरता के लिये अस्पृश्‍यता के विरोध में अनेकों कार्यक्रम चलाये। इन सबमें विदेशी राज से मुक्ति दिलाने वाला स्वराज की प्राप्ति वाला कार्यक्रम ही प्रमुख था। गाँधी जी ने ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर लगाये गये नमक कानून के विरोध में 1930 में नमक सत्याग्रह और इसके बाद 1942 में अंग्रेजो भारत छोड़ो आन्दोलन से विशेष विख्याति प्राप्त की। दक्षिण अफ्रीका और भारत में विभिन्न अवसरों पर कई वर्षों तक उन्हें जेल की यातनाएं भी सहना पड़ा। गांधी जी ने सभी परिस्थितियों में अहिंसा और सत्य का पालन किया और सभी को इनका पालन करने के लिये वकालत भी की। गांधी जी ने गुजरात के साबरमती आश्रम से स्वतंत्रता आंदोलन का संचालन किया। 30 जनवरी 1948 को गांधी जी का हत्या हुआ। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष नारायण गोप, सचिव श्यामल मार्डी, वासुदेव आदित्यदेव, गोम्हा हांसदा, पंचानन महतो, भजन गोप, मोनिला कुमारी, सुकुरमणि टुडू, किरण वीर, बहादुर रजक, सुकरा मुंडा, चंदन कुमार, सनातन मार्डी, ईश्वर गोप, प्रफुल्य लायक, रवींद्र नाथ सिंह, कार्तिक महतो, परितोष महतो, अंबिका महतो, सुरेंद्र मुंडा आदि उपस्थित थे।

Advertisements

Advertisements

Advertisements




Related posts

Saraikela बढ़ रह ठंड को देखते हुए 4460 बच्चों के बीच बांटे गए स्वेटर…. | Vananchal 24TV Live

admin

Jamshedpur News : टाटानगर रेलवे स्टेशन से बच्चा चोरी करने वाले गिरोह की तलाश, रांची में मिले बच्चे के साथ संदिग्ध युवक की फोटो…. | Vananchal 24TV Live

admin

रामगढ़:हरिकीर्तन से क्षेत्र में भक्तिमय माहौल बनता हैं युगेश… – Vananchal 24TV Live – वनांचल 24TV लाइव

admin