घोड़ालांग में पारम्परिक देश जाताल पूजा 3 सितंबर को…
सरायकेला (संजय मिश्रा)।
सरायकेला प्रखंड के बांकसाही पीढ़ के मौजा घोड़ालांग में पारंपरिक देश जाताल पूजा आगामी 3 सितंबर को आयोजित किया जाएगा। बताते चलें कि इस पूजा की शुरुआत बांकसाही गढ़ के स्थापना के बाद सन 1664 से हुआ है। यह पूजा 12 वर्ष के बाद एक बार किया जाता है। इस संदर्भ में रविवार को बांकसाही शिव मन्दिर परिसर पर एक बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता बांकसाही गढ़ के राजा कुंवर प्रदीप सिंहदेव ने की। बैठक में बांकसाई गढ़ के 32 मौजा के गणमान्य व्यक्ति के उपस्थित होकर देश जांताल पूजा अर्चना के संदर्भ में चिंतन मंथन किया गया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए राजा सिंहदेव ने गढ़ के आने वाली नई पीढ़ी से इस पारंपरिक पूजा को बचाये रखने की अपील की है। उन्होंने बताया कि यह विशेष पूजा क्षेत्र में अच्छी बारिश अच्छी फसल एवं गांव की खुशहाली के लिए किया जाता है। यह विशेष पूजा पिछले 300 सालों से होती आ रही है। पूर्वजों से सुनते आ रहे हैं कि यह पूजा का विशेष महत्व है। इस पूजा को सच्ची श्रद्धा भाव से करने वालों की हर मनोकामनाए पूर्ण होती है। इस पूजा से गांव खुशहाल और निरोग रहता है। मौके पर बांकसाई गढ़ के बसंत पाणी, सव्य किंकर आचार्य, तारापद साहू, हीरालाल दास, जोगेश महापात्र, विमल सरदार, जीतमोहन महतो, राजेश प्रधान, छुटु महतो, अशोक सिंहदेव, मकुंद महतो समेत गढ़ के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।