सरायकेला:संजय मिश्रा
सरायकेला: अपनी भाषा एवं संस्कृति के संरक्षण एवं विकास के लिए स्वयं ही सामाजिक एवं आर्थिक सहयोग दें। सामाजिक विकास एवं संरक्षण के लिए हमलोग स्वंय ही जिम्मेवार हैं। विभिन्न पारंपरिक त्यौहार एवं सांस्कृतिक खेलकूद जैसे कार्यक्रम को शुभारंभ करने के लिए वाद्य यंत्रों, पूजनीय सामग्री तथा श्रृंगार सजावट के लिए ग्रमीण विधायक, सांसद, मंत्री एवं पंचायत के मुखियाओं पर हमेशा निर्भर रहते हैं।
जब स्वंय का पैसा ना लगा हो ऐसे में उस चीज का महत्व कम हो जाता है। उक्त बातें आदिवासी हो समाज युवा महासभा के राष्ट्रीय महासचिव गब्बर सिंह हेम्ब्रम ने मंगलवार को सरायकेला प्रखंड अंतर्गत ईटाकुदुर गांव में चल रहे संपर्क अभियान के दौरान ग्रामीणों से कही।
हेम्ब्रम ने हो भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने हेतु आगामी 21 अगस्त को जंतर मंतर दिल्ली जाने के लिए समाज के लोगों से अपील की। आदिवासी हो समाज युवा महासभा, मानकी मुंडा संघ एवं आदिवासी हो समाज महासभा की संयुक्त टीम मंगलवार को सरायकेला के ईटाकुदुर आखाड़ा टोला, आदिवासी संस्कृति एवं कला केंद्र स्थित फुटबॉल मैदान में संपर्क अभियान चलायी। इस दौरान ग्रामीणों से सामाजिक आर्थिक सहयोग और आंदोलन में शामिल होने के लिए अनुरोध किया गया।
मौके पर आदिवासी हो समाज युवा महासभा के जिला अध्यक्ष विष्णु बानरा, आदिवासी हो समाज महासभा के कोषाध्यक्ष सुंदर बानरा, संगठन सचिव कोल झारखंड बोदरा, आदिवासी हो समाज युवा महासभा सदर अनुमंडल उपाध्यक्ष आयान सूंडी, संयुक्त सचिव तुराम सुंडी, रामेश्वर बिरूवा, ओएबन हेम्ब्रम, विश्वनाथ सोय, राजेश गोडसोरा, श्याम करण गोडसोरा, विकु गोडसोरा, सेलाय कुर्ली, साहब बानरा, शिवा गोप, सुना सोय, विजय सुंडी, अभियान गोडसोरा, गोपाल बानरा, गोरा सोय, चंद्र कुर्ली, जाॅन सुरेन व प्रभु सोय समेत अन्य उपस्थित रहे।
