(हाथियों पर नियंत्रण करने समेत सात सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा)
चांडिल (कल्याण पात्रा) सोमवार को आजसू पार्टी द्वारा चांडिल वन क्षेत्र पदाधिकारी का कार्यकाल घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया गया। आजसू केंद्रीय सचिव हरेलाल महतो के नेतृत्व में हजारों की संख्या में आजसू कार्यकर्ताओं एवं ग्रामीणों ने चांडिल बाईपास रोड – बस स्टैंड से वन विभाग कार्यालय तक पैदल मार्च निकाला। वहीं, वन विभाग कार्यालय पहुंचकर विभाग के अधिकारियों के खिलाफ हमला बोला।
केंद्रीय सचिव हरेलाल महतो ने कहा कि वन विभाग की लापरवाही के कारण आए दिन हाथियों द्वारा जान – माल की क्षति पहुंचाई जा रही हैं। विभाग को ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहिए। हरेलाल महतो ने कहा कि वन विभाग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अधीन है। कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री अपने मामा घर आए थे लेकिन उन्हें यह भी जानकारी नहीं है कि उनके मामा घर – चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में हाथियों का प्रकोप किस तरह से है और ग्रामीणों को कितनी परेशानी है। हरेलाल महतो ने कहा कि यदि सरकार ग्रामीणों को हाथियों के प्रकोप से बचाने में सक्षम नहीं है और सरकार के पास हाथी भगाने वाली सामग्री नहीं है तो आजसू के कार्यकर्ता आपस में चंदा इक्कट्ठा कर ग्रामीणों की सुरक्षा करेंगे तथा टोर्च, पटाखे वितरण करेंगे।
इस दौरान केंद्रीय सचिव हरेलाल महतो ने वन क्षेत्र पदाधिकारी को सात सूत्री मांगपत्र सौंपा। मांगपत्र में कहा गया है कि विभाग भलीभांति इस बात से अवगत है कि वर्तमान समय में चांडिल अनुमंडल क्षेत्र पूर्ण रूप से हाथी प्रभावित है। आए दिन हाथियों के झुंड द्वारा किसानों का फसल बर्बाद किया जा रहा है और गरीबों का घर, सरकारी स्कूल तोड़ा जा रहा है। अब तो स्थिति यह है कि हाथियों के हमले में ग्रामीणों की जान भी जा रही हैं। बीते 11 नवंबर 2022 को संध्या 4:30 बजे हाथी के हमले में तिरुलडीह थाना (कुकडू प्रखंड) अंतर्गत डाटम गांव के टोला बनघर में विभीषण महतो के पुत्र लालमोहन महतो, उम्र 10 साल की मौत हो गई। इसके पूर्व में भी हाथियों से संबंधित कई घटनाएं हुई, जिसमें ग्रामीणों को जान, माल की काफी क्षति पहुंची है। हाथियों द्वारा होने वाले नुकसान के एवज में मुआवजा देने का प्रावधान है लेकिन अभी तक कई घटनाओं में विभाग द्वारा मुआवजा भुगतान नहीं किया गया है।
सात सूत्री मांगों में कहा गया है कि चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के ईचागढ़, कुकडू, नीमडीह और चांडिल प्रखंड क्षेत्र से हाथियों को भगाने हेतु हाथी भगाने वाले सभी दस्ता को सक्रिय किया जाय। हाथियों से ग्रामीणों का जान, आवास एवं फसल की सुरक्षा सुनिश्चित किया जाय। पूर्व की भांति हाथी प्रभावित गांवों के ग्रामीणों के बीच पर्याप्त मात्रा में टॉर्च, पटाखा, मशाल इत्यादि सामग्री वितरण किया जाय। हाथी प्रभावित गांवों में ग्रामीणों को सतर्क रखने तथा ग्रामीणों को अपने जीवन रक्षा के लिए हाथी संबंधित जानकारी देते हुए विभाग द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जाय। हाथियों द्वारा किए जा रहे नुकसान की क्षतिपूर्ति मुआवजा राशि का भुगतान अविलंब किया जाय तथा सालभर पहले के बकाया मुआवजा राशि भी अविलंब भुगतान किया जाय। इसके अलावा मांग पत्र में कहा गया है कि चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के सभी खाली तथा बंजर वन भूमि में पौधरोपण किया जाय। चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के सभी वन रक्षा समितियों के सशक्तिकरण तथा जंगलों के संरक्षण हेतु विभाग द्वारा अभियान चलाया जाय।
वन विभाग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में आजसू केंद्रीय सचिव प्रोफेसर रविशंकर मौर्या, सत्यनारायण महतो, जिलाध्यक्ष सचिन महतो, बुध्दिजीवी मंच जिलाध्यक्ष योगेंद्र नाथ महतो, चांडिल प्रमुख अमला मुर्मु, गुरुचरण महतो, गुरुपद सोरेन, चंदन वर्मा, दुर्योधन गोप, अरुण महतो, दिगम्बर सिंह, गोपेश महतो, विमलेश मंडल, माधव सिंह मुंडा, सुलोचना प्रमाणिक, प्रवीण महतो, युधिष्ठिर सिंह, मृत्युंजय सिंह, बिरेन महतो, नंदन कुंज पात्र, मागा राम महतो, बादल महतो, अजय महतो, कामदेव महतो, कालू अंसारी, रंजीत महतो आदि मौजूद थे।

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