June 17, 2025
Vananchal 24TV Live – वनांचल 24TV लाइव
News कोल्हान झारखण्ड सरायकेला-खरसावाँ सुर्खियां

Saraikela News : देश के स्वतंत्रता दिवस पर एक्सक्लूसिव : भुला रहे हैं परंपरा :- | Vananchal 24TV Live

Saraikela News : देश के स्वतंत्रता दिवस पर एक्सक्लूसिव : भुला रहे हैं परंपरा :- | Vananchal 24TV Live
Spread the love

देश के स्वतंत्रता दिवस पर एक्सक्लूसिव :

अंग्रेजों के जमाने में भी यहां दूरदराज से लोग पहुंचा करते थे जलेबी का स्वाद लेने..

सरायकेला (संजय मि़श्रा) राष्ट्रीय मिठाई जलेबी को लेकर भी दर्जनों लोकोक्तियां प्रचलित रही है। जहां किसी को तंज कसने के लिए लोग कह डालते हैं कि देखो जलेबी की तरह कितना सीधा है। तो किसी के घुमावदार बातों को लेकर कहा जाता है कि जलेबी की तरह गोल-गोल बातें हैं ना करते हुए सीधे मुद्दे की बात की जाए।

Advertisements

परंतु जलेबी को राष्ट्रीय मिठाई का सम्मान प्राप्त होने के कारण राष्ट्रहित में इसका महत्व स्वाद और संस्कार में सबसे ऊपर माना गया है। सोलह कलाओं की नगरी माने जाने वाले सरायकेला का इतिहास अपने आप में भव्य रहा है। जहां का छऊ नृत्य कला देश सहित विदेशों में अपनी विशेष पहचान रखता है। और यही के सरायकेला के विशेष बेसन सेव के लड्डू का स्वाद भी विदेशों में सात समुंदर पार तक मशहूर है। उसी प्रकार देश की राष्ट्रीय मिठाई जलेबी का यहां गौरवशाली इतिहास रहा है। अंग्रेजों के जमाने में भी कोल्हान के मात्र सरायकेला में तैयार किए जा रहे राष्ट्रीय मिठाई जलेबी का स्वाद लेने लोग दूर-दूर से सरायकेला पहुंचा करते थे।

Advertisements

सरायकेला में जलेबी का सफरनामा:-

सरायकेला में राष्ट्रीय मिठाई जलेबी का आगमन 1940 के दशक का बताया जाता है। जब उत्तर प्रदेश के बनारस में मिठाई की दुकान लगा रहे सरायकेला के स्वर्गीय भोला नाथ बराट मोदक वापस सरायकेला लौटे तो उन्होंने सरायकेला में मिठाई की पहली दुकान शुरू की। जो आज भी भोला गुड़िया के दुकान के नाम से मशहूर है। आज उनके पोते संजीव बराट अपने भाइयों के साथ उक्त मिठाई की दुकान का संचालन करते हैं। बताया जाता है कि बनारस की सीखी जलेबी के सहित सरायकेला पहुंचने पर लोगों ने जलेबी का स्वाद जाना। और भोला नाथ बराट मोदक से कुकिंग की शिक्षा लेने के बाद सरायकेला में मिठाई की दुकानों का प्रचलन शुरू हुआ। बताया जाता है कि भोला नाथ बराट मोदक द्वारा उड़द और मैदे के संयोग से बनाई जाने वाली विशेष प्रकार की जलेबी के खस्ता होने की जांच लोग कौवा को खिलाकर किया करते थे। जिसमें कौवा के लिए दी गई जलेबी को भी कौवा एक बाइट भर ही उठाकर ले जा पाता था। जलेबी के खस्ता होने के कारण पूरी जलेबी एक बार में उठाकर ले जाना कौवे के लिए भी संभव नहीं हुआ करता था।

भुला रहे हैं परंपरा :-

आजादी के 75वें वर्षगांठ पर आज पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मना रहा है। जिसे लेकर कहीं तिरंगा यात्रा तो कहीं हर घर तिरंगा और प्रभात फेरी सहित दर्जनों देशभक्ति कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। परंतु फैशन के साथ इस महान राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुंह मीठा करने और कराने के लिए लोगों ने देश की राष्ट्रीय मिठाई जलेबी को ही बिसार दिया है। जहां आज के फैशन काल में लड्डू, बुंदिया या फिर चॉकलेट तक का इस्तेमाल त्यौहार के खुशियों के लिए किया जाता है। जरूरत है कि देश की राष्ट्रीय मिठाई जलेबी को भी ऐसे अवसरों पर पर्याप्त सम्मान मिले।

Advertisements




Related posts

SARAIKELA NEWS : जिले में कैच द रैन फेज-3 कार्यक्रम का हुआ आयोजन. . .

admin

सरायकेला:मंत्री चंपाई सोरेन के प्रयास से चार दिनों बाद सुचारू हुई सरायकेला नगर पंचायत क्षेत्र में पेयजलापूर्ति; लौटी खुशियां; विधायक प्रतिनिधि ने संयम के लिए नगर पंचायतवासियों का जताया आभार… – Vananchal 24TV Live – वनांचल 24TV लाइव

admin

चौबीस प्रहर अखंड युगल नाम संकीर्तन का समापन आज… – Vananchal 24TV Live – वनांचल 24TV लाइव

admin