June 17, 2025
Vananchal 24TV Live – वनांचल 24TV लाइव
News कोल्हान खेल जरा हटके झारखण्ड पर्यटन/मनोरंजन/धार्मिक शिक्षा व रोजगार सरायकेला-खरसावाँ सुर्खियां

अमेरिका से मैन ऑफ द ईयर नवाजे गए 61 वर्षीय गुरु मंगला मुखी टुटी बैसाखी के सहारे काट रहे हैं जीवन… – Vananchal 24TV Live – वनांचल 24TV लाइव

अमेरिका से मैन ऑफ द ईयर नवाजे गए 61 वर्षीय गुरु मंगला मुखी टुटी बैसाखी के सहारे काट रहे हैं जीवन… – Vananchal 24TV Live – वनांचल 24TV लाइव
Spread the love

दर्द  :  24 देशों में छऊ ढोल वादन का परचम लहरा चुके

सरायकेला स्पेशल स्टोरी – संजय मिश्रा

Advertisements

Advertisements

कहते हैं कि किसी भी राज्य या देश के समृद्धि की पहचान वहां की कला और संस्कृति से की जाती है। और जिस स्थान पर कलाकार ही अभावग्रस्त होगा, वहां की कला एवं संस्कृति की समृद्धि का अनुमान वैसे ही लगाया जा सकता है। कुछ ऐसा ही वाकया सरायकेला में विश्व प्रसिद्ध और विश्व के अनमोल विरासत के रूप में चिन्हित छऊ नृत्य कला से जुड़े छऊ कलाकारों के विषय में देखा जा रहा है। जिसमें छऊ नृत्य कला के सबसे अभिन्न अंग छऊ वादन कला से जुड़े कलाकार गुरु मंगला मुखी के साथ रहा है।

61 वर्षीय गुरु मंगला मुखी छऊ वादन कला में ढोल वादन के लिए एक स्तंभ के रूप में स्थापित हैं। परंपरागत घराने से आने वाले गुरु मंगला मुखी ने 14 वर्ष की आयु से छऊ ढोल वादन का शुरुआत करते हुए अपना पूरा जीवन छऊ को समर्पित कर दिया। जिन्होंने देश सहित विदेशी धरती पर भी 24 देशों में अपने छऊ ढोल वादन का परचम लहराकर सरायकेला सहित समूचे देश को गौरवान्वित करने का कार्य किया है। अमेरिका में मैन ऑफ द ईयर सम्मान से नवाजे गए गुरु मंगला मुखी वर्तमान में भी उसी जोशो खरोश के साथ छऊ कला के उत्थान का विचार रखते हैं।

लेकिन वर्तमान समय में गरीबी में जीवन बसर करने वाले गुरु मंगला मुखी अपने 61 वर्ष के उम्र के इस पड़ाव में टुटी बैसाखी के सहारे जीवन काटने को विवश हैं। जो छऊ कला से जुड़े सभी कलाकारों और कला प्रेमियों के लिए मात्र देखने और अफसोस जताने का विषय बन कर रह गया है। इतना ही नहीं समाज सेवा का दंभ भरने वाले दर्जनों तथाकथित समाजसेवी एवं छऊ कलाकारों के उत्थान करने की बात कहने वाले प्रतिदिन टुटी बैसाखी के साथ गुरु मंगला मुखी को आते जाते देखते हैं। बावजूद इसके गुरु मंगला मुखी के टुटी बैसाखी पर किसी की नजरे इनायत नहीं हो पाती है।

जाने गुरु मंगला मुखी को  :-

समर्पित परंपरागत घराने में 1962 में जन्मे गुरु मंगला मुखी ने अपने पिता स्वर्गीय शुरू मुखी और चाचा शत्रुघ्न मुखी से छऊ ढोल वादन की कला की शिक्षा हासिल कर मात्र 14 वर्ष की आयु में छऊ ढोल वादन का सफर शुरू किया था। देश सहित विदेशी धरती पर 24 देशों में अपने छऊ ढोल वादन का परचम लहराने वाले गुरु मंगला मुखी को वर्ष 2004 में अमेरिकन बायोग्राफिकल इंस्टिट्यूट से मैन ऑफ द ईयर का सम्मान प्राप्त हुआ।

विदेशी धरती पर इन्होंने वियना, हॉलैंड, एम्स्टर्डम, अशोलो, हेल्सकिंड, बेल्जियम, युगोस्लाविया, बर्लिन, थाईलैंड, नीदरलैंड, लंदन, यूके, हेल्मार्क, केस्टोरिया, जापान सहित अन्य देशों में विभिन्न मंचों से प्रदर्शन कर चुके हैं। गुरु मंगला मुखी को विभिन्न पद्मश्री अवार्डी छऊ गुरुओं के साथ कार्य करने का अवसर प्राप्त है।

1995 में संगीत नाटक एकेडमी नई दिल्ली में विजिटिंग ढोल गुरु के रूप में राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र में अपनी सेवा दे चुके हैं। वर्ष 2023 में झारखंड सरकार द्वारा आयोजित छऊ फेस्टिवल में भी उन्हें सम्मानित किया गया है। क्षेत्र की स्थिति भी मां पाऊड़ी के लिए ढोल वादन में, रथ यात्रा के दौरान ढोल वादन में, चैत्र पर्व के घट पाट में ढोल वादन में और मां दुर्गा की परंपरागत 16 दिनी पूजा ढोल वादन में गुरु मंगला मुखी का महत्वपूर्ण योगदान एवं प्रदर्शन रहता है।

Advertisements




Related posts

सरायकेला:कोलाबीरा सब पोस्ट ऑफिस में बीपीएम ने किया झंडा तोलन…

admin

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आहवान पर पंच प्रण पर आधारित युवा उत्सव कार्यक्रम का हुआ आयोजन… – Vananchal 24TV Live – वनांचल 24TV लाइव

admin

Saraikela news : स्वच्छ नगर पंचायत प्रतियोगिता में झारखंड में अव्वल रहे सरायकेला नगर पंचायत की खुशी में नपं अध्यक्षा ने सफाई मित्रों को लड्डू खिलाकर मुंह मीठा किया……

admin