रामगढ़ ब्यूरो: इन्द्रजीत कुमार
6 दिवसीय कार्यक्रम के पांचवें दिन में आपका स्वास्थ्य आपके हाथ के तहत मीडिया सम्मेलन रखी गई। मुख्य अतिथि विधायक अंबा प्रसाद,कटिया पंचायत के मुखिया किशोर कुमार महतो, दिल्ली से आए बीके विकास रंजन, राजयोगा मेडिटेशन ट्रेनर डॉक्टर पीयूष कुमार, बीके रामदेव, बीके तलेशवर, बीके रोशनी, बीके राधा,बीके सावित्री सिंह आदि लोग शामिल हुए। बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि मेडिटेशन हरेक व्यक्ति के लिए अति आवश्यक हैं। हरेक को इसका अभ्यास करना चाहिए।
यह संस्था समाज में नि:शुल्क सेवा दे रही हैं। कटिया पंचायत के वर्तमान मुखिया किशोर कुमार महतो ने कहा कि स्वस्थ्य कार्यक्रम समाज के हरेक के लिए हैं। इसका पूरा-पूरा लाभ सेवाकेंद्र पर आकर अवश्य लें। कटिया पंचायत के निवासियों से मेरा आग्रह हैं कि इसका पूरा-पूरा लें। हेल्थ एक्सपर्ट बीके विकास रंजन ने कहा रास, रंग औंर नाद के अदभुद प्रयोग द्वारा गूंजा पतरातू का ब्रह्मकुमारिज केंद्र। स्पिरिचुअल हीलर औंर नेचर क्योर एक्सपर्ट विकास रंजन में बताया कि स्वर्णिम काल में किसी भी मनुष्य को कोई बीमारी नहीं थी। उस समय के लोग रास या लयबद्ध नृत्य के कारण अपने तंत्रिका तंत्र को ऊर्जावान रखते थे। इस पद्धति से आज का पतंजलि का अष्टांग राजयोग, शास्त्रीय नृत्य, योगासन आदि का जन्म हुआ। रंग के कारण हमारी अंतः श्रावी ग्रंथियां औंर शरीर के ऊर्जा केंद्र सक्रिय रहते थे। इससे रंग चिकित्सा, मणि चिकित्सा, सूर्य चिकित्सा आदि का जन्म हुआ।
इस रंग चिकित्सा के द्वारा लोगों के जीवन शैली में शक्ति, सत्य, प्रसन्नता आदि मूल्यों का संचार किया जाता था। नाद के द्वारा शरीर के पांचों तत्वों के कंपनों को संतुलित किया जाता था। इससे संगीत, राग, मंत्रोंचारण वाद्ययंत्र का आविष्कार हुआ। लेकिन आज इन सब कलाओं को भूलने के कारण हमारा शरीर निष्क्रिय होता जा रहा हैं। हम अलग अलग बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं। एक ही परिवार के सदस्यों में पुरषों को अलग औंर महिलाओं को अलग समस्या हो रही हैं। मुख्य कारण हैं कि हमारा भोजन औंर हमारा भटकता मन। हमारा मन अमन बन गया हैं।
अब हमें अपने मन को सुमन बनाना होगा। इसके लिए हमें ब्रह्माकुमारी का राजयोग मेडिटेशन के साथ शुद्ध अन्न के महत्व को समझना होगा। मुख्य अनाज गेहूं औंर चावल के बदले हमें अपने पुराने मोटे अनाज की ओर वापिस आना होगा। तभी हम स्वस्थ जीवन यापन के बारे में सोच सकते हैं। हमारे क्षेत्र पतरातू के लिए ये वरदान है कि ब्रह्माकुमारीज राजयोग मेडिटेशन का एक केंद्र ,बी4,रोड नंबर 8 , पतरातू ,में खुल गया हैं। आज तो डॉक्टर्स भी अनेक बीमारियों में मेडिटेशन सीखने औंर करने की सलाह दे रहे हैं। अपने खान पान औंर अपने अंतरात्मा की शुद्धिकरण के लिए हमें राजयोग मेडिटेशन से जुड़ना पड़ेगा। नई समाज की स्थापना के लिए अपने विकारों पर विजय पानी होगी। तभी हम कह सकेंगे।
स्वस्थ भारत खुशहाल भारत। बीके डॉ. पीयूष रंजन फिजियोलॉजिस्ट ( एमजीएम मेडिकल कॉलेज,जमशेदपुर), राजयोग सह हठ योग अभ्यासक ने कहा कि गीता में वर्णित योग ही सहज राजयोग हैं। जिसे ब्रह्माकुमारीज पूरे विश्व में 140 से भी ज्यादा देशों में भारत का योग का प्रचार-प्रसार कर जन-जन को राजयोगी जीवन जीने की सीख दी जा रही हैं। मन-बुद्धि को ईश्वर शिव पिता में लगाना ही सहज राजयोग हैं। जिससे स्वत: ही आत्मा में ऊर्जा का संचार होता हैं या मनुष्य प्रेम,सुख, शांति, आनंद का अनुभव करने लगते हैं। क्या राजयोग का बेसिक कोर्स के रूप में चित्रो के मध्यम से कराया जाता हैं।
जो बिल्कुल ही निःशुल्क है। राजयोग को अपने जीवन में धारण करने से सदा ही मनुष्य की बुरी आदत जैसी बीडी, सिगरेट, तम्बाकू, या शराब छूट जाता हैं। जो कि शोध में वी देखा गया है। इसके साथ ही साथ काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, जो आदि मध्य अंत दुख ही देता हैं। वो भी सहज रूप से विदा ले लेता हैं।
